आयुर्वेद शिरहशूल (सिरदर्द) को एक ऐसी स्थिति के रूप में परिभाषित करता है जो तनाव, भावनात्मक तनाव, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा या कब्ज के कारण हो सकती है। यदि आप लगातार सिरदर्द से पीड़ित हैं, तो आहार एक प्रमुख कारक हो सकता है। इस कारण से, एक सही आहार सिरदर्द को काफी हद तक कम करने में मदद कर सकता है।
सिरदर्द से मुक्त होने के लिए अपने आहार में निम्नलिखित परिवर्तन करने पर विचार करें:
- तला हुआ, मसालेदार, ठंडा, सूखा, मसालेदार और स्मोक्ड खाद्य पदार्थों से बचें
- अनानास, केला, खट्टे फल, आलूबुखारा, मटर, रसभरी, चॉकलेट, दही और पनीर का सेवन न करें।
- दूध और मीठे भोजन के नियमित सेवन से परहेज करें।
- नारियल पानी पीने की अत्यधिक सलाह दी जाती है।
- हल्के खाद्य पदार्थ जैसे सब्जियों का रस, बिना तेल के उबली हुई सब्जी, सूप और फलों जैसे सेब, अंगूर, नाशपाती, आम, फलों के रस का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
- चावल, सलाद और छाछ की सलाह दी जाती है
- नट्स का सेवन कम मात्रा में किया जा सकता है।
भारत में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति जड़ी-बूटियों पर आधारित है। निम्नलिखित हर्बल उपचार भी सिरदर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- तिल/सरसो की 2-3 बूँदें प्रत्येक नथुने में डालें और गहरी साँस लें।
- रोज सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच शहद मिलाकर लें
- औषधीय लौंग (लौंग) का तेल या औषधीय मेन्थॉल तेल मालिश सुखदायक हो सकती है
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