गले की खराश
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गले की खराश और दर्द से राहत पाने के आयुर्वेदिक घरेलू उपाय

गले में खराश का कारण

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गले की खराश

गले की खराश और दर्द का सबसे सामान्य कारण सर्दी-जुकाम, इन्फेक्शन या वायरस हो सकता है, जिससे गला इरिटेट होता है और खराश हो सकती है। ठंडे मौसम में यह समस्या बढ़ सकती है, क्योंकि ठंडक के कारण नाक से आने वाली इंफेक्शन और इरिटेशन हो सकता है।

1. अलर्जी : धूल, धूप, या अन्य एलर्जेन्स के संपर्क में आने पर गले में खराश और इरिटेशन हो सकता है। यह अलर्जी के कारण भी हो सकता है जिसमें गले का मुकाबला कमजोर हो जाता है और खराश उत्पन्न हो सकती है।

2. वायरल इन्फेक्शन : वायरल इन्फेक्शन, जैसे कि इंफ्लुएंजा या वायरल इंफेक्शन, भी गले में खराश का कारण बन सकते हैं। इससे गले की सूजन होती है और खराश की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

4. बैक्टीरियल इन्फेक्शन : बैक्टीरियल इन्फेक्शन, जैसे कि स्ट्रेप थ्रोट, गले में खराश और दर्द का कारण बन सकता है। इसमें गले की सूजन और इरिटेशन के साथ-साथ उच्च बुखार और थकान भी हो सकती है।

गले की खराश और दर्द से राहत के आयुर्वेदिक घरेलू उपाय

1. हर्बल चाय:

गले की खराश
हर्बल चाय

हर्बल चाय गले की खराश और दर्द को कम करने के लिए एक प्रमुख और सुरक्षित घरेलू उपाय है। कालीमिर्च और अदरक से बनी चाय में उनके एंटी-इंफ्लैमेटरी गुण होते हैं, जो गले की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसे दिनभर मुक्तायुत लेना गले की स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।

2. गर्गलिंग सोल्यूशन:

गुलाबपानी में नमक मिलाकर गर्गल करना एक घरेलू उपाय है जो गले की खराश को तत्काल राहत प्रदान कर सकता है। नमक में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो इंफेक्शन को कम करने में मदद कर सकते हैं और गुलाबपानी की ठंडक गले को सुखाने में मदद करती है। यह उपाय अक्सर सुबह-शाम किया जा सकता है और सुनिश्चित करता है कि गले की सफाई बनी रहती है।

3. होल्स इनहेलेशन:

गरम पानी के ऊपर बेंतोल का छोटा सा टुकड़ा डालकर इनहेलेशन करना गले की सूजन को कम करने में सहायक हो सकता है। बेंतोल के वायुमंत्रीत और एंटीसेप्टिक गुण गले के इंफेक्शन को ठीक करने में मदद कर सकते हैं और गले की सुजान को शांत करने में सहायक हो सकते हैं। इसे सुरक्षितता के साथ किया जा सकता है और इससे सुलझाव मिलने पर गले की समस्याएं कम हो सकती हैं।

4. तुलसी का रस:

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herbal tulsi tea

तुलसी के पत्तों का रस गले की खराश और दर्द को कम करने के लिए एक प्रमुख आयुर्वेदिक उपाय है। तुलसी में एंटी-इंफेक्टिव, एंटीबैक्टीरियल, और एंटी-इंफ्लैमेटरी गुण होते हैं, जो गले की समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। तुलसी का रस गुनगुना करके पीने से गले में सूजन कम हो सकती है और सर्दी-जुकाम से बचाव हो सकता है।

5. आरोमा थेरेपी:

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स्टीम इनहेल

एक बॉवल में गरम पानी डालें और इसमें अदरक और नींबू का रस मिलाएं। इस स्टीम को इनहेल करने से गले की समस्याओं में राहत मिल सकती है। अदरक के एंटीबैक्टीरियल गुण इंफेक्शन से निपट सकते हैं और नींबू का रस विटामिन सी की आपूर्ति करता है

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