सेरेब्रल पाल्सी क्या है ? सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy) एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल रोग है जो बच्चों में शारीरिक गतिशीलता और मांसपेशियों के नियंत्रण में कमी के कारण होता है। यह रोग गर्भावस्था के दौरान या जन्म के बाद किसी नियंत्रण संबंधी समस्या के कारण सीधे ब्रेन के किसी हिस्से को प्रभावित करने से हो सकता है। इस रोग से पीड़ित लोगों की शारीरिक गतिशीलता, मांसपेशियों की कसकसी, गंजापन, आंखों की आंखें, आदि में समस्याएँ होती हैं। इसका इलाज व्यक्ति के रोग के स्तर पर भिन्न होता है, लेकिन इसमें थैरेपी, दवाओं, सर्जरी, और अन्य उपचार शामिल हो सकते हैं। यह…
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माइग्रेन एक जटिल स्थिति है जो व्यक्तियों पर प्रभाव डाल सकती है, और यह केवल एक प्रकार की सिरदर्द के रूप में ही नहीं प्रकट होती है। माइग्रेन के साथ जुड़े दर्द को अक्सर सिर के एक हिस्से में स्थानांतरित किया जाता है, जो किसी पक्षी के घमौरे की तरह होता है। इस लेख में, हम माइग्रेन के कारण, लक्षण, और घरेलू उपायों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। माइग्रेन के कारण माइग्रेन कई कारणों का हो सकता है, या यह एकल कारण से हो सकता है या कई कारणों का संयोजन हो सकता है। कुछ मुख्य कारणों में शामिल…
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कलौंजी, जिसे काला जीरा या निगेला सेडा भी कहा जाता है, एक पौधा है जिसके बीजों का उपयोग विभिन्न चिकित्सा गुणों के लिए किया जाता है। यह भारतीय रसोई में एक प्रमुख स्वाद और खुशबू देने वाला उपयोग है, लेकिन इसके बीजों में कुछ स्वास्थ्य लाभ भी हो सकते हैं। कलौंजी कई बीमारियों से बचाती है इसमें हम जानेंगे कलौंजी स्वास्थ्य के लिए कैसे उपयोगी है और इसके फायदे और नुकसान क्या क्या है | कलौंजी के फायदे: 1. उच्च आंतिक अभिरोधक क्षमता कलौंजी में उच्च मात्रा में विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स, और अन्य पोषण से भरपूर तत्व होते हैं, जो…
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आधुनिक जीवनशैली ने व्यक्तियों को जंक फूड खाने की आदत डाली है, जो विभिन्न स्वाद और आकर्षकता के साथ आता है, लेकिन यह सामान्यत: अनेक स्वास्थ्य संबंधित चुनौतियों का स्रोत बन जाता है। जंक फूड एक ऐसी खाद्य सामग्री है जो अधिकतम मात्रा में तेल, चीनी, नमक, और प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट्स का समृद्ध होता है, जिससे स्वस्थ जीवनशैली को प्रभावित कर सकता है। इस खाद्य सामग्री के सेवन के दौरान होने वाले उच्च कैलोरी, कम न्यूट्रीशनल मूल्य, और नकारात्मक प्रभाव के कारण स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित किया जा सकता है। इसका सीधा प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य, और सामाजिक…
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प्रातःकाल व्यायाम: करने का अभ्यास रखने का महत्वपूर्ण और सतत तरीका है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लाभों को बढ़ावा देता है। मॉर्निंग एक्सरसाइज का अभ्यास अच्छे स्वास्थ्य और सकारात्मक जीवन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रारंभिक समय में व्यायाम करने से शरीर ताजगी से भर जाता है और दिनभर की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयारी होती है। सुबह की स्वस्थ शुरुआत से ही शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, मॉर्निंग एक्सरसाइज से शारीरिक संरचना में सुधार होता है, हृदय को…
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मुंहासों के बाद पीछे छूटे काले धब्बों का इलाज : चेहरे पर बढ़ते इन काले निशानों से निपटना आम समस्या है, लेकिन आयुर्वेदिक तथा प्राकृतिक उपायों से इसमें सुधार किया जा सकता है। यहां हम आपको विशेषज्ञ आयुर्वेदिक सुझावों के साथ, घरेलू उपायों के बारे में बताएंगे, जो आपको एक स्वस्थ और चमकदार त्वचा प्रदान करने में मदद करेंगे। इस लेख में, चेहरे के इन काले धब्बों को कम करने के लिए सहायक होंगे 1. नीम का तेल: नीम के तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो त्वचा को साफ़ रखने में मदद करते हैं और काले धब्बों को कम…
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नसों की कमजोरी के कारण नसें हमारे शरीर की महत्वपूर्ण अंग होती हैं जो हड्डियों, मांसपेशियों, और अन्य ऊतकों को एक साथ जोड़ती हैं। इन नसों की कमजोरी के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें से कुछ को ठीक करने के लिए उपचार की आवश्यकता हो सकती है। इस लेख में, हम नसों की कमजोरी के कारण, लक्षण, और उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। गलत तरीके से बैठकर काम करना: गलत तरीके से बैठकर काम करने से आपकी पीठ, कमर, और गर्दन की नसें कमजोर हो सकती हैं, जिससे नसों की खिचाव और कमजोरी आ…
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हरा सेब खाने के फायदे ? हरे सेब का सेवन करना एक स्वस्थ और पौष्टिक आहार का हिस्सा बना सकता है जो आपके स्वास्थ्य को कई तरीकों से बेहतर बना सकता है। यह स्वादिष्ट, कम कैलोरी वाला फल नहीं ही सिर्फ फाइबर से भरपूर होता है, बल्कि इसमें विटामिन, खनिज, और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं जो आपके स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। फाइबर स्रोत: हरा सेब फाइबर का अच्छा स्रोत है, जिससे पाचन सुधारता है और कब्ज को कम करने में मदद करता है। विटामिन्स और मिनरल्स: सेब में विटामिन्स और मिनरल्स, जैसे कि विटामिन सी,…
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पीलिया एक बीमारी है जो अक्रिय तौर परिसर और त्वचा को पीला बना देती है, और यह विभिन्न कारणों से हो सकती है। यह एक प्रकार की जिगर की बीमारी है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं तैयार नहीं हो पातीं, जिससे रक्त में हेमोग्लोबिन की कमी होती है। यह बीमारी अक्सर बच्चों और युवा वयस्कों में देखी जाती है, लेकिन यह किसी भी आयु समूह को प्रभावित कर सकती है। इसके कुछ मुख्य कारण हैं: हेपेटाइटिस इन्फेक्शन: हेपेटाइटिस वायरस के कारण यह बीमारी हो सकती है। हेपेटाइटिस B और C वायरस से होने वाली इन्फेक्शन पीलिया के कारण हो सकती हैं।…
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Ashwagandha and Shilajit are two different herbal supplements, each with its unique set of potential benefits. The choice between the two depends on your specific health goals, individual preferences, and any existing health conditions. Here’s a brief comparison of the two: Which is better ashwagandha or Shilajit? 1.Ashwagandha: 1. Adaptogenic Properties Ashwagandha stands out with its renowned adaptogenic properties, acting as a natural ally in the body’s battle against stress. These adaptogens contribute to overall balance by helping the body adapt to various stressors, fostering resilience. Research indicates that regular consumption of Ashwagandha may enhance the body’s ability to cope…