पीलिया एक बीमारी है जो अक्रिय तौर परिसर और त्वचा को पीला बना देती है, और यह विभिन्न कारणों से हो सकती है। यह एक प्रकार की जिगर की बीमारी है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं तैयार नहीं हो पातीं, जिससे रक्त में हेमोग्लोबिन की कमी होती है। यह बीमारी अक्सर बच्चों और युवा वयस्कों में देखी जाती है, लेकिन यह किसी भी आयु समूह को प्रभावित कर सकती है। इसके कुछ मुख्य कारण हैं: हेपेटाइटिस इन्फेक्शन: हेपेटाइटिस वायरस के कारण यह बीमारी हो सकती है। हेपेटाइटिस B और C वायरस से होने वाली इन्फेक्शन पीलिया के कारण हो सकती हैं।…
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Ashwagandha and Shilajit are two different herbal supplements, each with its unique set of potential benefits. The choice between the two depends on your specific health goals, individual preferences, and any existing health conditions. Here’s a brief comparison of the two: Which is better ashwagandha or Shilajit? 1.Ashwagandha: 1. Adaptogenic Properties Ashwagandha stands out with its renowned adaptogenic properties, acting as a natural ally in the body’s battle against stress. These adaptogens contribute to overall balance by helping the body adapt to various stressors, fostering resilience. Research indicates that regular consumption of Ashwagandha may enhance the body’s ability to cope…
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पाचन सुधारना आयुर्वेद में महत्वपूर्ण है, क्योंकि सही पाचन ही शरीर के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। अगर आपका पाचन स्वस्थ नहीं है, तो यह सारे शारीरिक प्रक्रियाएं प्रभावित हो सकती हैं, जिससे विभिन्न रोग उत्पन्न हो सकते हैं। आयुर्वेद में पाचन सुधारने के कई उपाय हैं जो सामान्य रूप से सुरक्षित और प्रभावी होते हैं। यहां कुछ आयुर्वेदिक उपाय हैं जो आपके पाचन में सुधार कर सकते हैं ! जानें 8आयुर्वेदिक तरीके जो स्वाभाविक रूप से खाद्य प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं। 1.जीरा और धनिया का सेवन जीरा और धनिया दोनों ही अत्यंत प्रभावी पाचन संबंधी उपाय हैं।…
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मोरिंगा, जिसे ड्रमस्टिक फ्रूट ट्री (Moringa oleifera) भी कहा जाता है, एक औषधीय पौधा है जिसके पत्ते, फूल, बीज, और छाला सेहत के लाभ के लिए जाने जाते हैं। मोरिंगा के पत्ते का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता है, जो निम्नलिखित हो सकते हैं मोरिंगा के पत्ते के फायदे 1. पोषण से भरपूर मोरिंगा पत्ते में विभिन्न पोषण तत्व होते हैं जैसे कि विटामिन्स, मिनरल्स, पोटैशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, और विटामिन सी, जो सेहतमंद जीवन के लिए आवश्यक हैं। इन पत्तों का संबंधित सेवन शरीर को ऊर्जा प्रदान करके तंदुरुस्ती को बढ़ा सकता है और सभी आवश्यक पोषण…
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गले में खराश का कारण गले की खराश और दर्द का सबसे सामान्य कारण सर्दी-जुकाम, इन्फेक्शन या वायरस हो सकता है, जिससे गला इरिटेट होता है और खराश हो सकती है। ठंडे मौसम में यह समस्या बढ़ सकती है, क्योंकि ठंडक के कारण नाक से आने वाली इंफेक्शन और इरिटेशन हो सकता है। 1. अलर्जी : धूल, धूप, या अन्य एलर्जेन्स के संपर्क में आने पर गले में खराश और इरिटेशन हो सकता है। यह अलर्जी के कारण भी हो सकता है जिसमें गले का मुकाबला कमजोर हो जाता है और खराश उत्पन्न हो सकती है। 2. वायरल इन्फेक्शन :…