डायबिटीज के मरीज अक्सर अपनी डाइट में शामिल की जाने वाली चीजों को लेकर सावधान रहते हैं, खासकर जब बात शुगर की आती है। चीनी के उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण इसका सेवन उनके लिए हानिकारक हो सकता है। इस संदर्भ में, गुड़ का विकल्प अक्सर उठता है कि क्या डायबिटीज के मरीज अपने आहार में चीनी की जगह गुड़ का सेवन कर सकते हैं। गुड़ प्राकृतिक रूप से मिलने वाला एक स्वीटनर है जिसमें खनिज और विटामिन्स होते हैं। यह चीनी की तुलना में थोड़ा कम प्रोसेस्ड होता है और इसमें ट्रेस मिनरल्स जैसे कि जिंक और सेलेनियम के साथ-साथ लौह तत्व भी पाए जाते हैं, जो आयरन की कमी को दूर कर सकते हैं। गुड़ का उपयोग अनेक पारंपरिक भारतीय मिठाइयों और व्यंजनों में किया जाता है और इसे स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। हालांकि, गुड़ में फ्रुक्टोज और ग्लूकोज का संयोजन भी होता है, जो ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए स्वास्थ्य विचार
डायबिटीज के मरीजों के लिए अपने आहार में गुड़ को शामिल करने से पहले यह आवश्यक है कि वे इसके प्रभाव को समझें। गुड़, चीनी के विकल्प के रूप में इस्तेमाल होने पर भी, ब्लड शुगर स्तर को बढ़ा सकता है, इसलिए इसे अत्यधिक मात्रा में उपयोग करना सुरक्षित नहीं है। इसके सेवन को संतुलित करने और अन्य पोषक तत्वों के साथ मिलाकर खाने की सलाह दी जाती है, ताकि ग्लाइसेमिक प्रभाव को कम किया जा सके।
डायबिटीज के रोगियों को चाहिए कि वे अपने डाइटीशियन या डॉक्टर से सलाह लेकर ही गुड़ का सेवन करें। यदि गुड़ को डाइट में शामिल किया जाता है, तो इसे नियंत्रित मात्रा में और उचित समय पर लेना चाहिए, ताकि यह ब्लड शुगर पर अधिक प्रभाव न डाले।
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